नहीं थम रहा PHE विभाग में घोटाले का मामला, पांच बड़े अफसरों सहित 74 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
वित्त विभाग ने 71 खातों में 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 853 रुपये का अनियमित भुगतान होने के संदेह में जांच के निर्देश दिए थे।
ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर के (PHE) पीएचई विभाग में हुए घोटाले की जांच का दायर लगातार बढ़ता जा रहा है। पहला ये घोटाला 16 करोड़ 42 लाख रूपए का समाने आया था। लेकिन अब ये घोटाला 81 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है।
इस मामले में अब पीएचई के पांच बड़े अफसरों सहित 74 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। लेकिन हैरत की बात ये है कि अब तक इस घोटाले का सरगना हीरालाल पुलिस की पकड़ से बाहर है।
दरअसल 27 जुलाई को वित्त विभाग ने 71 खातों में 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 853 रुपये का अनियमित भुगतान होने के संदेह में जांच के निर्देश दिए थे। अंतरिम जांच रिपोर्ट 23 अगस्त को प्रस्तुत की गई।
इसमें घोटाले की राशि 18 करोड़ 92 लाख 25 हजार 399 रुपए तक पहुंच गई थी। पीएचई विभाग के संधारण खंड-1 में हुए घोटाले की राशि बढ़कर 33 करोड़ 80 लाख रुपए तक पहुंच गई है। पांच सदस्यीय विभागीय टीम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
बता दें कि पीएचई विभाग में घोटाले का खेल पिछले पांच सालों से जारी था। मृतक और रिटायर्ड कर्मचारियों के खातों में फेरबदल कर घोटाले की रकम ट्रांसफर कर बंदरबांट किया जा रहा था।
घोटाले की रकम को फर्जी तरीके से 74 बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था। वहीं ट्रेजरी विभाग से मिली रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है कि 65 खातेदारों के 81 खातों में फर्जी तरीके से भुगतान हुआ था।
अब घोटाले की रकम 33 करोड़ 80 लाख रुपये तक पहुंच गई है। ऐसे में मुख्य अभियंता पीएचई का कहना है कि चूंकि वित्त व पीएचई की जांच रिपोर्ट में राशि में काफी अंतर है। इसलिए ईएनसी से चर्चा कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।