पूर्व CM Uma Bharti की प्रेस कॉन्फ्रेंस, खनन माफिया के खिलाफ फूटा गुस्सा
मोदीजी पर कभी संकट आएगा ही नहीं जब कभी ऐसा हुआ तो सबसे पहले जान की बाजी में लगा दूंगी-पूर्व सीएम उमा भारती
भोपाल: (CM Uma Bharti) मध्यप्रदेश में मतगणना के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है। रिजल्ट का इंतजार उम्मीदवारों को बेसब्री से है। इस बीच पूर्व सीएम उमा भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। उमा भारती ने कहा, हमारी सरकार बन रही है पर कुछ चीजें छूठ रही हैं। उमा भारती ने केन, बेतवा, भोजशाला, गऊ और खनन का जिक्र्र भी किया।
Uma Bharti ने कहा कि मुझे बनाने के लिए किसी का रोल नहीं रहता बल्कि परिस्थितियों का रोल रहता है। मैंने चुनाव से पहले जेपी नड्डा से मुलाक़ात की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव ख़त्म हो जाए तो मुझे संगठन में ज़िम्मेदारी दीजिए मुझे 2024 का लोक सभा का चुनाव लड़ना है।
इस बीच उमा भारती ने अवैध खनन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रसन्न सिंह की जो हत्या हुई है खनन मुझे हमेशा चुभ रहा था। कई बार मैंने इसकी आवाज भी उठाई। मुझे पता नहीं किसकी सरकार होगी, मैं चाहती हूं कि हमारी ही सरकार बने। खनन के लिए मैं खड़ी हूं, मैं खिलाफत में नहीं हूं लेकिन खनन के कारण एक बलिदान हो गया। ये सरकार विरोधी बयान नहीं है लेकिन माफिया खड़े हो गए हैं।
पूर्व सीएम ने कहा क्या खनन माफिया के सामने शासन प्रशासन सब दिन हीन हो गए हैं। क्या हम लोगो को लठ्ठ लेकर खड़े होना पड़ेगा? पार्टी मुझे संगठन में काम दे और चुनाव लड़ाए मुझे बहुत खुशी होगी लेकिन मैं खनन के खिलाफ रहूंगी। इतना ही नहीं गंगा आंदोलन भी जारी रहेगा। मेरा गाय,शराब, खनन के खिलाफ आंदोलन होगा। मैं ब्योहारी से आंदोलन शुरू करूंगी। आईपीएस नरेंद्र कुमार के परिवार से मिलूंगी।
पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा, एक्सपेक्टेशन जब मैच नहीं होता तो मुझे परेशानी होती है क्योंकि जब उम्मीद है मुझसे पूरी नहीं होती तो मुझे परेशानी होती है। मेरी पोज़ीशन और मेरी योगदान का मेल होना चाहिए। अगर मैं योगदान देने की पोज़ीशन में हो तो मुझे योगदान देना ही है वरना मुझे उलझन होती है। मोदी जी ने मेरे गुरु जी से शिकायत की थी कि वो ज़िद्दी है दूसरी बार चुनाव ना लड़ कर उसने मेरा संकट की घड़ी में साथ नहीं दिया।
उमा भारती ने कहा कि क्या माफिया के सामने सत्ता असाह है। खनन होता रहा और सत्ता रुक नहीं पाई, यह आश्चर्यजनक है। मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद मेरी घेराबंदी पहले हो गई थी। मैं और बढ़े पद पर न चली जाऊं। सरकार बनेगी तो मुख्यमंत्री से अकेले में कहूंगी ऐसा-ऐसा करिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो खुलकर बोलूंगी।
कहा मेरी पोजीशन और योगदान में मेल होना चाहिए। पोजीशन में रहकर योगदान नहीं दे पाई तो मेरी पोजीशन का कोई मतलब नहीं होगा। पार्टी के लिए अटलजी, आडवानीजी के बाद अगर किसी को झोंका गया तो वह मैं हूंं। मोदीजी पर कभी संकट आएगा ही नहीं जब कभी ऐसा हुआ तो सबसे पहले जान की बाजी में लगा दूंगी।