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चम्बल में बदल गया Political Scenario दोनों दलों के दिग्गज हारे

एक तरफ जहां कांग्रेस के कद्दावर लीडर और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह 33 साल बाद चुनाव हार गए।वहीं शिवराज सरकार के छह में से पांच मंत्री चुनाव हार गए

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कांग्रेस (Political Scenario) को तो इस बार तगड़ा झटका लगा ही है लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनो ही दलों के कई दिग्गजों को भी धूल चाटने से अंचल के पूरा सियासी परिदृश्य ही बदल गया है। एक तरफ जहां कांग्रेस के कद्दावर लीडर और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह 33 साल बाद चुनाव हार गए।

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वहीं शिवराज सरकार के छह में से पांच मंत्री चुनाव हार गए, जिनमे सदैव सुर्खियों में रहने वाले गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी शामिल हैं। (Political Scenario) हालांकि केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिमनी से जीत दर्ज कर अपनी साख बरकरार रखी।

2018 में कांग्रेस ने भिण्ड जिले में पांच में से छह सीट जीत ली थीं। भाजपा सिर्फ एक सीट अटेर जीत सकी थी। इकलौते भाजपा विधायक अरविंद सिंह भदौरिया शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में सहकारिता मंत्री है। उन्हें भाजपा का संकटमोचक भी कहा जाता था लेकिन इस बार वे अटेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के हेमंत कटारे से 24364 मतों के अंतर से हार गए।

इसी तरह लहार विधानसभा क्षेत्र से 1990 से लगातार जीतने वाले कद्दावर नेता और प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को भी हार का मुंह देखना पड़ा। वे भाजपा के सामान्य से प्रत्याशी अम्बरीष शर्मा गुड्डू से लगभग 12 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हार गए। वही भाजपा के कद्दावर नेता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य भी पिछड़ते नजर आए। अंततः वे भी चुनाव में कांग्रेस के मामूली प्रत्याशी केशव देसाई से हार गए।

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