भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के साथ सदैव छल ही किया है, जमीने छीनी, खदान हड़पे, राज्यांश रोके, हजारों ट्रेनें रद्द
मोदी सरकार ने विगत 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ से 4 लाख 61 हजार करोड वसूला है, उसमे से दिए केवल एक चौथाई हिस्सा
रायपुर : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेता सदैव छत्तीसगढ़ को छलने और ठगने का काम करते हैं। जिस बात के लिए भारतीय जनता पार्टी को नेताओं को छत्तीसगढ़ की जनता को माफी मांगनी चाहिए उसे उपलब्धि बताकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। सच यही है कि विगत साढ़े 9 वर्षों से केंद्र की मोदी सरकार ने हर मामले में छत्तीसगढ़ की उपेक्षा ही की है।
रमन राज में छत्तीसगढ़ में 90 हजार एकड़ से अधिक भूमि किसानों और आदिवासियों से छीनकर पूंजीपतियों को दिये, औषधि खेती, रतनजोत और उद्योग लगाने का झूठा सपना दिखाकर केवल जमीन छीने। रमन मोदी की जुगलबंदी ने 2016-17 में बस्तर के नंदराज पर्वत को अडानी को सौंपा, अब एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट बेच रहे।
केंद्र सरकार के दीपम की साइट पर विनिवेशीकरण के सेल की सूची से आज भी NMDC नगरनार संयंत्र सूचीबद्ध है लेकिन प्रधानमंत्री यहां आकर गलत बयानी करते हैं। हसदेव अरण्य के नो गो एरिया को संकुचित करके अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने कमर्शियल माइनिंग की अनुमति मोदी सरकार ने ही दिया है। 27 जुलाई 2022 को भूपेश बघेल सरकार ने परसा कोल ब्लॉक सहित 5 कोल ब्लाकों का आवंटन निरस्त करने विधानसभा का प्रस्ताव केंद्र की मोदी सरकार को भेजा है, लेकिन आबंटन रद्द करने का अंतिम आदेश मोदी सरकार ने आज तक जारी नहीं किया है। दुखद और निंदनीय है की छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा के जिन 9 सांसदों को चुनकर भेजा है, दलीय चाटुकारिता में वे भी मौन है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य है, स्टील और सीमेंट के अग्रणी उत्पादक के साथ तमाम तरह के खनिज भरपूर मात्रा में है, जिसका दोहन केंद्र की मोदी सरकार करती है। आयरनओर, लोह अयस्क, बॉक्साइट और टीन के खनन में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रहण में भी छत्तीसगढ़ की बड़ी भूमिका है।
केंद्र की मोदी सरकार ने सेंट्रल जीएसटी, आयकर, पेट्रोलियम पदार्थों पर सेंट्रल एक्साइज, कोल खनन, आयरनओर, बॉक्साइट, टीन के खनन और रेल्वे माल भाड़े सहित विभिन्न मदों में पिछले 5 सालों में 461908.66 करोड़ रुपए वसूले हैं वसूले हैं वही इन पांच सालों में छत्तीसगढ़ को केवल 192190 करोड़ 76 लाख रुपए ही मिले हैं, अर्थात् वसूली गई राशि में से 269717.93 करोड़ कम मिले हैं।
उसमें से भी विभिन्न मतों में केंद्र से छत्तीसगढ़ राज्य का हिस्सा 55000 करोड रुपए अभी तक नहीं दिए, कोल की रायल्टी में पेनेलटी का 4140 करोड़, इसके अतिरिक्त 17200 करोड़ एनपीएस का पैसा, कर्मचारियों का अंशदान और राज्य सरकार का अंशदान भी केंद्र सरकार की एजेंसी एनएसडीएल के पास अब तक बकाया है। छत्तीसगढ़ के भाजपा नेता इस पर भी मौन है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का रवैया छत्तीसगढ़ के आर्थिक हितों के खिलाफ है। लगभग सभी केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश कम करके उसी अनुपात में राज्यांश बढ़ाकर राज्यों पर अतिरिक्त बोझ लाद दिए। केंद्रीय योजनाओं के आवंटन में छत्तीसगढ़ की अपेक्षा की गई।
एक तरफ केन्द्र की मोदी सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिये लगाया जाने वाला सेस की वसूली 31 मार्च 2027 तक बढ़ा दिया है, लेकिन छत्तीसगढ़ उत्पादक राज्य को जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि 1 जुलाई 2022 से ही बंद कर दिया। अचानक हजारों की संख्या में छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनें निरस्त कर दि गई, और यह सिलसिला लगातर जारी है। केंद्रीय पूल में चावल की कटौती, कनकी के निर्यात पर प्रतिबंध, उसना अरवा का अड़ंगा, खाद की सब्सिडी में कटौती, खरीफ सीजन में खाद के रैक बाधित किए। छत्तीसगढ़ की जनता को प्रताड़ित करने का कोई अवसर केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेता ने नहीं छोड़ा।