नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग (EC) ने सोमवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को तेलंगाना में चुनाव के बीच समाचार पत्रों में अपने कार्यों के बारे में विज्ञापनों का प्रकाशन रोकने का निर्देश दिया और चुनाव आचार संहिता के तहत पूर्वानुमति नहीं लेने के लिए स्पष्टीकरण मांगा l
इससे पहले दिन में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मामले में आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि कांग्रेस ने जनप्रतिनिधित्व कानून और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है l वहीं भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी इस मामले पर आयोग का रुख किया था l
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है l कर्नाटक के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में आयोग ने कहा कि राज्य सरकार ने विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए उससे पूर्व मंजूरी नहीं ली, जो वर्षों पहले केंद्र और राज्य सरकारों को जारी चुनाव आचार संहिता (एमसीसी) के निर्देशों का उल्लंघन है l
आयोग ने यह भी कहा कि कर्नाटक सरकार को तेलंगाना में ऐसे किसी भी विज्ञापन का प्रकाशन तत्काल प्रभाव से तब तक रोक देना चाहिए जब तक कि राज्य सरकार आयोग से आवश्यक मंजूरी नहीं ले लेती l आयोग ने उन परिस्थितियों के बारे में मंगलवार शाम पांच बजे तक स्पष्टीकरण मांगा है जिनके कारण आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) निर्देशों का उल्लंघन हुआ l
आयोग ने पत्र में यह भी पूछा कि एमसीसी के निर्देशों के तहत आवश्यक प्रक्रिया के उल्लंघन के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रभारी सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए l इससे पहले भी आयोग ने गौर किया था कि केंद्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं व उपलब्धियों को रेखांकित करने वाले कुछ विज्ञापन चुनावी राज्यों के समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जा रहे थे l आयोग ने इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना था l
आयोग ने 2013 में आदेश दिया था कि आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान ऐसे सभी विज्ञापनों को चुनावी राज्यों के समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए भेजने से पहले मंजूरी की खातिर आयोग को भेजा जाए l तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर है l