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महादेव सट्टेबाजी एप (Mahadev App) घोटाले के आरोपी असीम दास के पिता सुशील दास की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। दो दिन से लापता सुशील की लाश दुर्ग जिले के अंडा थाना क्षेत्र के अछोटी गांव में एक कुंए से मिली है। पुलिस ने आत्महत्या की आशंका जताई है।
सुशील दास एक प्राइवेट कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड थे। पुलिस के अनुसार वो रविवार से लापता थे। बताया जा रहा है कि Mahadev App घोटाले में आरोपी बेटे की गिरफ्तारी के बाद से सुशील काफी परेशान चल रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन मौत के पीछे की वजह अभी तक साफ नहीं हो सकी है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर आगे की छानबीन में जुट गई है।
सुशील दास के बेटे असीम दास और एक अन्य आरोपी कांस्टेबल भीम सिंह यादव को ईडी ने 3 नवंबर को गिरफ्तार किया था। असीम दास को रायपुर से ₹5.39 करोड़ नकद के साथ पकड़ा गया था। ईडी का दावा था कि फोरेंसिक विश्लेषण और ‘कैश कूरियर’ दास द्वारा अपने बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। ईडी के अनुसार महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग ₹508 करोड़ का भुगतान किया है जो जांच का विषय है।
आपको बता दें, बघेल ने इन आरोपों से इनकार करते हुए भाजपा पर ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। ईडी के अनुसार, असीम दास को कथित तौर पर यूएई से ऐप प्रमोटरों द्वारा सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए भेजा गया था।
7 और 17 नवंबर को दो चरणों में होने वाले विधानसभा मतदान से पहले एजेंसी ने एक बयान में कहा था, “असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त किए गए धन को महादेव ऐप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी।” 25 नवंबर को, दास ने एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष कहा था कि उसे एक साजिश के तहत फंसाया गया है। उसने कभी भी राजनेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई है।