मनरेगा के कार्यों में मृत व्यक्तियों के नाम मस्टररोल जारी करने वाले पंचायत सचिव पर अब तक नहीं हुई कोई कार्यवाही
बीजापुर जिले में मनरेगा के कार्यों में नगद भुगतान के दौरान वर्ष 2021-22 में पंचायत सचिव द्वारा मृत व्यक्ति के नाम मस्टररोल जारी कर रुपये आहरण कर पंचायत के मनरेगा अधिनियम की धज्जियाँ उड़ाई साथ ही पंचायत सचिव ने यह भी नहीं देखा कि जिन व्यक्तियों के नाम मस्टररोल जारी किया गया वो अब इस दुनिया में नहीं है।
बहरहाल जब मामले की तह तक जाने पर पता चला है कि पंचायत सचिव ने मृत व्यक्ति के नाम मस्टररोल जारी किया। तब जाकर इसकी शिकायत जिला पंचायत सीईओ बीजापुर को एक पत्र लिखकर की गई साथ ही जाब कार्ड और मस्टररोल आनलाइन डाऊनलोड कर उसकी छायाप्रति भी संलग्न कर दी गई।
दिनांक 10/10/2021 को शिकायत के पश्चात एक आदेश क्रमांक 1792/जिपं/मु का अ/MGNREGA/2021-22 बीजापुर दिनांक 19/08/2021 को ग्राम पंचायत मण्डेम जनपद पंचायत भैरमगढ़ में 03 अधिकारी-कर्मचारियों रामेश्वर महापात्र, मनीष सोनवानी, जिनेश कुमार को जांच दल में शामिल करने कार्यालयीन आदेश क्रमांक /1792/जिपं/मु.का.अ./MGNAREGA /2021-22 बीजापुर दिनांक 19/09/2021 के जांच दल गठन कर शिकायत की जांच करायी गयी।
जांच दल द्वारा 24/09/2021 को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जांच प्रतिवेदन के सरल क्रमांक 01 एवं पृष्ठ क्रमांक 03 में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि मृत व्यक्तियों के नाम का उल्लेख कर मस्टररोल जारी करना सही पाया गया और फर्जी तरीके से मस्टररोल तैयार कर भुगतान किया गया है जो महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 के तहत वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है जिसके लिए मुख्य रूप से पंचायत सचिव, सरपंच एवं रोजगार सहायक जिम्मेदार हैं।
जिसकी समस्त भुगतान राशि 25266=00 रुपये सचिव, सरपंच तथा रोजगार सहायक से वसूली की जानी थी मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीजापुर द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम के अध्याय – 6 प्रकीर्ण धारा 25 के अनुपालन के लिए शास्ति में जो कोई इस उपबंधो का उल्लंघन करेगा वह दोष सिद्ध होने पर जुर्माने का 1000=00 रुपये तक का हो सकता है वसूल की जाएगी।
महात्मा गांधी नरेगा की राशि 25266 =00 का भुगतान पंचायत सचिव, एवं रोजगार सहायक पर 1000 – 1000 रुपये अर्थदण्ड की राशि 10/10/2021 तक कार्यालय जिला पंचायत बीजापुर के मनरेगा अभिसरण सेंट्रल बैंक बीजापुर के खाता क्रमांक 3262119336 पर जमा कराएं।अन्यथा 12/10/20210 तक वसूली राशि जमा नहीं किए जाने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए एफ़आइआर दर्ज कराने हेतु आदेश जारी किया गया।
जांच में फर्जी तरीके से मृत व्यक्तियों के नाम मस्टररोल जारी करने वाले पंचायत सचिव पर दोष सिद्ध होने के बाद भी जिला प्रशासन अभयदान दे रखा है।