फिर वापसी करेंगे Vijay Baghel.. ! हार के बावजूद BJP सौंप सकती है यह बड़ी जिम्मेदारी.. घोषणापत्र के कमाल से गदगद है आलाकमान
विधानसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। पार्टी ने सांसद होने के बावजूद उन्हें छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा बल्कि उन्हें भाजपा के घोषणपत्र समिति का संयोजक भी नियुक्त किया।
रायपुर: (Vijay Baghel) भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ में वापसी कराने में अहम भूमिका निभाने वाले और पूर्व सीएम के खिलाफ ताल ठोंकने वाले भाजपा के फायर ब्रांड सांसद विजय बघेल अब एक बार फिर से नई जिम्मेदारी के साथ वापसी कर सकते है। अरुण साव के उप मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद भाजपा के नए प्रदेशाध्यक्ष के नाम को लेकर भी राजनैतिक गलियारे में चर्चा का बाजार भी गर्म है।
ऐसे में प्रदेश में पार्टी की कमान (Vijay Baghel) विजय बघेल को सौंपी जा सकती है। नए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की चर्चा में सबसे आगे सांसद विजय बघेल का नाम चल रहा है। हालांकि उन्होंने इस दौड़ से खुद को बाहर बताते हुए स्वयं को कार्यकर्ता के साथ चलना बताया। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी। पार्टी ने सांसद होने के बावजूद उन्हें छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा बल्कि उन्हें भाजपा के घोषणपत्र समिति का संयोजक भी नियुक्त किया।
हालांकि पूर्व सीएम के खिलाफ वह खुद तो चुनाव हार गए लेकिन भाजपा प्रचंड सीटों के साथ प्रदेश में कामयाब बनाने में रही। भाजपा की इस अप्रत्याशित कामयाबी के पीछे दो प्रमुख वजहें बताई जाती है। इनमें पहला समन्वय के साथ टिकटों का वितरण और दूसरा उनका घोषणापत्र। इस तरह देखा जाये तो घोषणापत्र समिति के संयोजक विजय बघेल की इस कामयाबी में बड़ी भूमिका होने से इंकार नहीं किया जा सकता। बहरहाल वह प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाएंगे या फिर वे केंद्र की ही राजनीती करेंगे यह आने वाले वक़्त में ही तय हो पायेगा।
विजय बघेल ने इस बार पाटन से चुनाव लड़ा था हालांकि वह दुसरे नंबर पर रहे। इस सीट से ताल ठोंकने वालों में जकांछ के मुखिया अमित जोगी भी थे जिस वजह से यहाँ त्रिकोणीय मुकाबले की बात कही जा रही थी। लेकिन कांग्रेस के पूर्व सीएम भूपेश बघेल यहाँ से चुनाव जीत गए, विजय बघेल दूसरे नंबर पर रहे जबकि अमित जोगी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। कांग्रेस को इस सीट पर 95 हजार 438 वोट, दूसरे नंबर पर रही भाजपा को 75 हजार 715 जबकि जेसीसी (जे) को महज 4 हजार 822 वोट ही हासिल हुए।