पटना: लंबे समय से (Regularization) नियमितीकरण की मांग कर रहे कर्मचारियों को सरकार ने आखिरकार नए साल से पहले बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए अनियमित शिक्षकों के नियमितीकरण के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। सरकार के इस फैसले का फायदा सीधे पौने चार लाख कर्मचारियों को मिलेगा। इस फैसले पर मुहर विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के तहत लगाई गई है।
जानकारी के अनुसार बिहार के नीतीश कुमार की सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के नियोजित शिक्षकों की शिक्षा विभाग में (Regularization) नियमितीकरण के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। हालांकि सभी शिक्षक राज्यकर्मी तब कहलाएंगे जब वह बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा को पास कर लेंगे। ऐसे पौने 4 लाख शिक्षक यह परीक्षा देंगे l रिजल्ट आने पर इसमें उत्तीर्ण होने वाले सभी शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक का दर्जा दे दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से सक्षमता परीक्षा आयोजित की जाएगी। उसके बाद नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा।
इस फैसले के साथ-साथ कैबिनेट में 29 और एजेंडा पर मुहर लगाई गई है। शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को खाली पदों पर दो महीने के भीतर भर्ती करने का निर्देश दिया था और कहा था कि राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर देंगे। दूसरी तरफ जिन नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी परीक्षा पास कर ली है, उन्हें परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी।
इसके अलावा 17 से 18 वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को वरीयता का भी लाभ मिल सकता है। बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को क्रिसमस की छुट्टी होने के बावजूद इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लिया गया था और मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया गया।