गरियाबंद: (Smuggling of Wood) उदंती सीतानदी अभ्यारण्य के कोर एरिया माने जाने वाले रिसगांव परिक्षेत्र के दक्षिण साल्हेभाठ बिट में कई साल पुराने और ऊंचे सागौन के हरे भरे सैकड़ो पेड़ों को काट दिया गयाl जिसमें उसी क्षेत्र में तैनात वन अफसरों के मिलीभगत का सनसनी खेज मामला सामने आया है l ओडिशा नवरंगपुर की सीमा से लगे हुए इस इलाके में सक्रिय ‘पुष्पा गैंग’ सक्रिय है जो अभ्यारण्य के दागी अफसर और कर्मियों से मिलीभगत कर कटाई को लगातार अंजाम दे रहे थे l उपनिदेशक वरुण जैन द्वारा पीसीसीएफ को 30 जनवरी को सौंपे गए 350 पन्ने की रिपोर्ट में दागी अफसरों के काले कारनामे का जिक्र प्रमाण सहित किया गया है l
Smuggling of Wood रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए वरुण जैन ने बताया कि सितंबर से लेकर जनवरी तक हुई कार्रवाई के दरम्यान पाए गए कई तकनीकी तथ्य के अलवा मुखबिर से मिली सूचना की पुष्टि किए जाने के बाद हमने तीन महीने तक सूक्ष्मता से कड़ियों को जोड़कर पड़ताल की l जिसमें एसडीओ मेहतर राम साहू, डिप्टी रेंजर देवशरण साहू, वन रक्षक केशव पांडेय और दैनिक वेतन भोगी निमेश यादव की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्तता पाई गई l जिसकी विस्तृत रिपोर्ट भेज कार्रवाई की अनुशंसा की गई है l
26 सितंबर को नवरंगपुर जिले के सोनपुर गांव में अभ्यारण्य की एंटी पोचिंग टीम ने कई घरों में छापेमारी कर सागौन के लाखों रुपये के चिरान और फर्नीचर बरामद किया था l यह इलाका टाइगर रिजर्व की सीमा से 15 से किमी की दूरी पर था l
पूछताछ में पता चला कि ये सागौन अभयारण्य के कोर इलाके से आ रहे हैं l बताया गया कि पश्चिम बंगाल से जुड़े ये कारीगर फर्नीचर को ओडिशा की नामी जगह के अलावा आंध्र प्रदेश और कलकत्ता के कारोबारियों को सप्लाई करते हैं l एंटी पोचिंग टीम के मुखबिर ने तस्करी के इस बड़े खेल में विभागीय मिलीभगत के संकेत भी दे दिए l इसी दिन से उपनिदेशक वरुण जैन की टीम ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी थी l वरुण जैन ने इस इनपुट के बाद पहले तो खल्लारी बिट का निरक्षण किया l जहां समान्य कटाई के अवशेष मिले थे l
सोनपुर से मिले नेटवर्क के बाद एंटी पोचिंग टीम ने सप्लाई नेटवर्क के अलावा संलिप्त लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी थी l कुछ जगह नए मैदानी कर्मी भी तैनात कर दिए गए l इसी बीच 25 दिसंबर को साल्हेभाठा बिट में तैनात नए वन चौकीदार उदय राम ने लकड़ी काटने के औजार से लैस 15 साइकिल से ओडिसा के गिरोह के कोर एरिया में प्रवेश की सूचना डिप्टी रेंजर देवशरण साहू को दी l लेकिन वे अन्य कार्य में व्यस्तता बताकर कार्रवाई से न केवल इंकार कर दिया, बल्कि तस्करो को पूजा पाठ के लिए आए सामान्य ग्रामीण बताकर चौकीदार को गुमराह करने की कोशिश भी किया l