छत्तीसगढ़राजनीति

छत्तीसगढ़ में BJP Government बनते ही दो दर्जन भाजपा नेताओं और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की सुरक्षा वापस

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रायपुर: (BJP Government) छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर आ रही है कि यहां बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल किया। मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री सहित कुल 12 नव निर्वाचित विधायकों ने बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ लिया था। वहीं, इसके कुछ दिन बाद ही छत्तीसगढ़ के दो दर्जन BJP नेताओं की सुरक्षा को हटा दिया गया है।

BJP Government छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल से संबंध रखने वाले सत्तासीन पार्टी BJP के 24 नेताओं को सिक्योरिटी को हटा दिया गया है। चुनावी समर को देखते हुए केन्द्र सरकार ने यह सुरक्षा प्रदान की थी। बस्तर अंचल धुर नक्सल प्रभावित माना जाता है। इसलिए वहां के विधानसभा चुनाव के दौरान तात्कालिक विपक्ष BJP नेताओं को केन्द्र सरकार ने सुरक्षा दी गई थी। BJP नेताओं को तब सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने की खबर मिलते ही इसका विरोध हो रहा था।

बस्तर के 24 नेताओं की सुरक्षा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के जवानों को तैनात किया गया था। बस्तर के विभिन्न विधानसभाओं के कुल 24 नेताओं को नक्सलवादियों से खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। केन्द्र सरकार ने बस्तर के इन 24 नेताओं को एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। इलेक्शन कैंपेनिंग के लिए इन नेताओं के साथ दो–दो सशस्त्र जवानों को तैनात किया गया था। लेकिन इस सुविधा को ही वापस ले लिया गया है।

इन 24 नेताओं में दक्षिण बस्तर जिला दंतेवाडा के करीब 10 नेता शामिल थे। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष कमला विनय नाग, जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनीष सुराना, भाजपा के जिला महामंत्री संतोष गुप्ता और धीरेंद्र प्रताप सिंह, सत्यजीत चौहान, कुलदीप ठाकुर सहित कुछ चर्चित नेताओं के नाम शामिल हैं। कुछ ब्लॉक स्तर के भी नेता थे, जिनको सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।

इसके साथ ही बीजापुर जिले के नौ नेताओं को भी सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। इसमें बीजापुर जिला भाजपा के उपाध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार, कमलेश मंडावी, लव.कुमार रायडू, छत्तीसगढ़ भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य फूलचंद गागडा सहित और नेताओं के नाम सम्मिलित है। कई नेताओं का सुदूर इलाकों के साथ ही अंदरूनी और वनांचल इलाकों में आना–जाना होता रहता है। वहीं, इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुनः सुरक्षा उपलब्ध कराए जाने के संबंध में आंकलन किया जाएगा, जिसके बाद ही प्रादेशिक स्तर पर नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

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