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PM Modi: ‘राज्य में जाकर CM के खिलाफ बोले PM, ऐसे देश कैसे चलेगा?’ वन नेशन, वन इलेक्शन के पक्ष में मोदी ने दी दलील

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PM Modi: देश में चार चरणों का लोकसभा चुनाव पूरा हो गया है और अगले तीन चरणों का प्रचार अभियान जोर-शोर से चल रहा है. इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी इंटरव्यू में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और इसके महत्व को बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए गठित कमीशन की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि रिपोर्ट प्राप्त हो गई है और इसका अध्ययन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन के प्रति हमारा कमिटमेंट सिर्फ राजनीतिक नहीं है, बल्कि यह देश के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

वन नेशन, वन इलेक्शन का समर्थनवन नेशन, वन इलेक्शन से जुड़े सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि वे इस बात के पक्षधर हैं कि चुनाव तीन या चार महीने में संपन्न हो जाएं और बाकी पांच साल राजनीति से दूर रहकर देश का विकास हो. उन्होंने कहा कि हमें चार-साढ़े चार साल मिलकर देश को चलाना चाहिए और चुनाव के समय पूरी ताकत से एक दूसरे के खिलाफ मुकाबला करना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी ने खेल के मैदान का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे खेलों में फ्रेंडली मैच होते हैं, वैसे ही राजनीति में भी चार-साढ़े चार साल मुद्दों के आधार पर देश हित में काम करना चाहिए. चुनाव के समय हमें एक दूसरे के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना चाहिए. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने तीसरे कार्यकाल में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के वादे को पूरा करने पर सवाल किया गया,

तो उन्होंने कहा कि भाजपा पहले से ही इस विचार का समर्थन करती आई है. यह कोई नया विचार नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्हें तकलीफ होती है जब एक राज्य में चुनाव हो रहा हो और देश का प्रधानमंत्री उस राज्य में जाकर किसी भी दल के मुख्यमंत्री के खिलाफ भाषण दे रहा हो. यह राजनीतिक मजबूरी है, लेकिन अच्छा होगा कि एक साथ चुनाव हों ताकि जो भी कहना हो, सब लोग एक साथ कह सकें.दुनिया में वन नेशन, वन इलेक्शन का प्रचलन बता दें कि दुनिया के कई देशों में चुनाव एक साथ होते हैं.

उदाहरण के लिए स्वीडन में हर चार साल में आम चुनाव के साथ राज्य और जिला परिषदों के चुनाव होते हैं. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका में भी आम चुनाव और राज्य चुनाव एक साथ होते हैं. इन चुनावों के दौरान वोटरों को अलग-अलग वोटिंग पेपर दिए जाते हैं. ब्राजील, फिलीपींस, बोलिविया, कोलंबिया, कोस्टा रिका, ग्वाटेमाला, गुयाना और होंडुरास जैसे देशों में भी राष्ट्रपति और विधायी चुनाव एक साथ होते हैं

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