सीहोर: (Pradeep Mishra) विख्यात शिव भक्त और अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवचन कथाकर्ता पंडित प्रदीप मिश्रा को कौन नहीं जानता। न सिर्फ प्रवचन करते हैं बल्कि एक मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर भी प्रख्यात हैं l वे देश के अलग-अलग हिस्सो में शिवपुराण की कथाएं करते हैं, जहां हजारो नहीं बल्कि लाखों की संख्या में अनुयायी उन्हें सुनने उमड़ते हैं। उनके प्रवचनों को सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में हिन्दू भक्त सुनते हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा देश के सबसे ख्यातिलब्ध कथाकारों में से एक हैं।
Pradeep Mishra हिन्दू राष्ट्र को लेकर भी उनके अपने मत हैं l वे अक्सर हिन्दू समाज की जनजागृति और पुनरुत्थान पर भी गैर राजनीतिक बयान देते रहे हैं। ऐसे में समझा जाने लगा था कि हो न हो पंडित मिश्रा भी अब सियासत में कदम रखेंगे और अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे l देश में अगले महीने से लोकसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं ऐसे में एक बार फिर से पंडित मिश्रा के चुनावी राजनीति में आने और चुनाव लड़ने की चर्चा चलने लगी है। इसी बीच राजनीति में आने को लेकर उनका एक पुराना बयान भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
दरअसल पिछले साल पंडित प्रदीप मिश्रा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन गए हुए थे। इसके अलावा उज्जैन शहर में पिछले साल 4 अप्रैल से 10 अप्रैल तक शिव महापुराण का आयोजन भी किया गया था। यहाँ उनसे जब मीडिया के लोगों ने यह सवाल किया तब पंडित मिश्रा ने साफ़ कहा कि वे कभी चुनाव नहीं लड़ेंगे और ना ही किसी प्रकार की राजनीति करेंगे। उन्होंने कहा मैं सिर्फ शिव भक्ति करूँगा। ऐसे में इस बात की संभावना नगण्य है कि पंडित मिश्रा सियासत में कदम रखेंगे।
हालांकि उनके बयानों से अक्सर इस बात के कयास लगाए जाते रहे कि उनका झुकाव सत्ताधारी भाजपा की तरफ है लेकिन सियासत में कदम नहीं रखने और किसी भी दल से उनका संबंध होने की खबर को वह सिरे से नकार चुके हैं। एक नया सवाल है कि क्या वजह है कि अक्सर राजनीति क्षेत्र में सक्रिय लोग ही उनके कथाओं का आयोजन कराते हैं? इसका जवाब देते हुए पंडित मिश्रा ने बताया कि ऐसा नहीं हैं। वे (आयोजनकर्ता) एक भक्त के तौर पर उनके पास आते हैं और शिव महापुराण कराते हैं। वे नहीं कहते कि आयोजन वह करा रहे हैं बल्कि कथा और प्रवचन पूरे क्षेत्र के लिए होते हैं। इसका राजनीती से कोई संबंध नहीं।