ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद बुधवार को राज्यपाल रघुबर दास से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया। सीएम पटनायक अपने दो दशक से अधिक लंबे राजनीतिक करियर में पहली बार विधानसभा में विपक्ष की बेंच पर बैठेंगे।
पटनायक बुधवार सुबह राज्यपाल के घर गए और अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पटनायक के आवास पर एक बैठक हुई जिसमें भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई। पटनायक ने पहली बार 5 मार्च, 2000 को ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। तब उनकी पार्टी अपने पिता और पूर्व सीएम बीजू पटनायक की लोकप्रियता पर सवार होकर सत्ता में आई थी
नवीन पटनायक 24 साल तक सत्ता में रहने के बाद सीएम की कुर्सी छोड़ेंगे। छठी बार मुख्यमंत्री बनने का उनका सपना सत्ता विरोधी लहर के कारण चकनाचूर हो गया। बीजद इस बार सिर्फ 51 सीटें ही हासिल कर पाई, जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में उसे 112 सीटें मिली थीं। भारतीय जनता पार्टी ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बीजद से सत्ता छीन ली है।