नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री Farukh Abdullah ने की पाकिस्तान से दोस्ती की वकालत
प्रधानमंत्री मोदी का बयान आया था युद्ध ही विकल्प नहीं है, अब बातचीत (पाकिस्तान) से मसले हल करने हैं। अगर बातचीत से हमने यह नहीं सुलझाया तो शायद हमारा भी यही हाल होगा जैसा गाज़ा और फिलिस्तीन का हो रहा है।"
श्रीनगर: (Farukh Abdullah) पिछले कुछ समय से पाकिस्तान से सटे कश्मीर के भीतरी इलाकों में आतंकी गतिविधियों में इजाफा देखा गया है। पाकिस्तान परस्त आतंकी ग्रुप के गुर्गे कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश में है। वे इसके लिए टारगेट किलिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देकर इलाके के क़ानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे है। हालाँकि भारत के जांबाज सैनिक चरमपंथियों के मंसूबो को हर दिन नाकाम कर रहे है।
पिछले दिनों ही आतंकियों ने एक रिटायर्ड एसएसपी की गोली मारकर हत्या कर दी थी वही इससे पहले हुए हमले में भारत (Farukh Abdullah) के पांच जवान शहीद हो गए थे। इस पूरे हमले के बाद पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की शाखा पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। लगातर सामने आ रहे आतंकी हमलों पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पूरे मसले को बातचीत से हल करने और पाकिस्तान से दोस्ती किये जाने की भी वकालत की है।
अब्दुल्ला ने कहा कि “इसकी तहकीकात होनी चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ? मैंने हर बार कहा है कि वाजपेयी जी ने कहा था कि दोस्त बदले जा सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदले जा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी का बयान आया था युद्ध ही विकल्प नहीं है, अब बातचीत (पाकिस्तान) से मसले हल करने हैं। अगर बातचीत से हमने यह नहीं सुलझाया तो शायद हमारा भी यही हाल होगा जैसा गाज़ा और फिलिस्तीन का हो रहा है।”