रायपुर: (Loksabha ELections) बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उम्मीदवारों की पहली सूची में छत्तीसगढ़ के 11 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। विधानसभा की तरह लोकसभा चुनाव में भी बाजी मारने के लिए भाजपा ने अपने 9 वर्तमान सांसदों में से 7 के टिकट काटे हैं। वहीं सीनियर विधायक बृजमोहन अग्रवाल समेत 7 नए चेहरों पर विश्वास जताया है।
Loksabha ELections विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे यानी मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ा था और लोकसभा चुनाव भी उन्हीं के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। ऐसे में इसी रणनीति के तहत 7 नए चेहरों को पहली बार मौका दिया गया है। पार्टी को भरोसा है कि सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में जहां पार्टी ने 15 सीटें जीती थी। वहीं इस बार के चुनाव में 54 सीटें जीतकर कांग्रेस को 35 सीटों पर ही रोक दिया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का ही जादू था।
सबसे खास और बड़ी बात ये है कि पार्टी ने छत्तीसढ़ बीजेपी के कद्दावर नेता और 8 बार के रायपुर दक्षिण से विधायक बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से सांसदी का टिकट दिया गया है। यानी बीजेपी के ‘संकटमोचन’ को राज्य से केंद्र में बुलाने की तैयारी है। रायपुर से सांसद सुनील सोनी की जगह बृजमोहन अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। बृजमोहन लगातार 8 बार से विधायकी चुनाव जीतते आ रहे हैं और सीनियर मंत्री भी रहे हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी की राजनीति में संकटमोचन कहा जाता है। ऐसे में इस सूची में उनका नाम आना चौंकाने वाली बात है ।
बृजमोहन के केंद्र में जाने पर दो कैबिनेट पद खाली हो जाएंगे। ऐसे में राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल जैसे अनुभवी नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है। क्योंकि वो पहले भी रमन कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। पार्टी उनके अनुभवों को लाभ ले सकती है। बीजेपी ने दुर्ग सांसद विजय बघेल को दोबारा टिकट दिया है। बघेल विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र समिति के संयोजक थे। उनके नेतृत्व में विधानसभा चुनाव का घोषणा पत्र तैयार किया गया था। इस मेनिफेस्टो में कई महत्वपूर्ण वादों को शामिल किया गया, जिससे पार्टी को चुनाव में लाभ भी मिला। बघेल हर वर्ग के लोगों से मुलाकर कर मेनिफेस्टो तैयार किया था।
वहीं पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़े थे। ऐसे में पार्टी ने उन पर दोबारा विश्वास जताया है। वहीं बस्तर संभाग में राजनांदगांव सांसद सरोज पांडेय की अहम भूमिका रही क्योंकि वो इस संभाग के प्रभारी थे। उनके आक्रामक नेतृत्व में पार्टी ने 12 में से 8 सीटें जीतीं। आदिवासी और धर्मांतरण का मुद्दा चुनाव में हावी रहा। यही कारण है कि पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव का नाम आने के बाद भी पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है।
बीजेपी के 9 सांसदों की बात करें तो 7 सांसदों का टिकट काट दिया गया है। केवल दो पुराने चेहरे सांसद विजय बघेल और संतोष पांडेय को दोबारा मौका दिया गया है। वहीं चार सांसदों में रायपुर सांसद सुनील सोनी का टिकट काटकर बृजमोहन अग्रवाल को, कांकेर सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर भोजराज नाग को प्रत्याशी बनाया गया है। भोजराज नाग अंतागढ़ से विधायक थे, लेकिन उनका टिकट काट दिया गया, इसलिए इस बार उन्हें सांसदी का टिकट देकर संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। वहीं महासमुंद सांसद चुन्नीलाल साहू का टिकट काटकर रूपकुमारी चौधरी को और जांजगीर चांपा सांसद गुहाराम अजगले का नाम काटकर महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े पर विश्वास जताया है।
वहीं सरगुजा सांसद रेणुका सिंह, रायगढ़ से गोमती साय का टिकट काटकर राधेश्याम राठिया को, कांकेर सांसद मोहन मंडावी का टिकट काटकर भोजराज नाग और बिलासपुर सांसद अरुण साव को विधानसभा चुनाव लड़ाया गया था, जो चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं। साव डिप्टी सीएम पद पर काबिज हैं। रेणुका सिंह भरतपुर-सोनहत और गोमती साय पत्थलगांव सीट से विधायक बन चुकी हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 11 सीटों में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
कोरबा और बस्तर सीट पर बीजेपी फतह हासिल नहीं कर सकी थी। कोरबा से कांग्रेस के दिग्गज नेता चरणदास मंहत की पत्नी ज्योत्सना महंत और बस्तर से मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बाजी मारी थी। रायपुर- बृजमोहन अग्रवाल, मौजूदा रायपुर दक्षिण विधायक, दुर्ग – विजय बघेल, मौजूदा सांसद राजनांदगांव- संतोष पांडेय, मौजूदा सांसद ,कोरबा- सरोज पांडेय, सरगुजा – चिंतामणि महाराज, रायगढ़- राधेश्याम राठिया ,बिलासपुर- तोखन साहू, महासमुंद- रूपकुमारी चौधरी, बस्तर- महेश कश्यप, कांकेर- भोजराज नाग, जांजगीर-चांपा- कमलेश जांगड़े