अंबिकापुर: (Land Scam Case) अंबिकापुर के बहुचर्चित जमीन घोटाले में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह तथा लिपिक अजय तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका निरस्त कर दी गई है। इन तीनों के अलावा राजस्व निरीक्षक राहुल सिंह पर कूटरचना कर शासकीय गोचर मद की जमीन का फर्जी तरीके से नामांतरण कर शासन को करोड़ों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है। तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह तथा लिपिक अजय तिवारी की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ओपी जायसवाल के न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जमानत आवेदन निरस्त कर दिया है।
Land Scam Case न्यायलय ने कहा है कि अपराध की प्रकृति गंभीर एवं अजमानतीय है। जिनमें आजीवन कारावास तक के दण्ड का प्रविधान है। केस डायरी में संलग्न दस्तावेजों से यह परिलक्षित है कि आपराधिक षड़यंत्र कर शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना कर अविधिक रूप से बहुमूल्य शासकीय भूमि का अवैध अंतरण एवं विक्रय किए जाने के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य संग्रहण किया गया है। प्रारंभिक जांच में आरोपियों ने शासकीय सेवक के रूप में पदीय कर्त्तव्य के निर्वहन के विपरीत अवैधानिक रूप से उपरोक्त आपराधिक षड़यंत्र में संलिप्त रहने के संबंध में साक्ष्य संग्रहित है। प्रकरण में विवेचना प्रारंभिक स्तर पर है एवं साक्ष्य संग्रहण किया जाना शेष है।
अभियुक्तगण से भी व्यक्तिगत रूप से साक्ष्य संग्रहण की आवश्यकता होना परिलक्षित है। ऐसे में आरोपित अपराध की गंभीर प्रकृति, संग्रहित साक्ष्य एवं प्रकरण की उपरोक्त परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आरोपी नारायण सिंह, नीलम टोप्पो एवं अजय कुमार तिवारी की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन स्वीकार करने योग्य दर्शित नहीं होता है। अतः उपरोक्त अग्रिम जमानत आवेदन अस्वीकार कर निरस्त किया जाता है। सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका निरस्त होने के बाद आरोपियों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो वर्तमान में जिला पंचायत कोंडागांव के जिला पंचायत सीईओ के पद पर पदस्थ हैं l