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‘Kala-Vaibhav’ कुलपति डॉ. ममता चंद्राकर के हाथों विमोचित, कला-साधकों के लिए महत्वपूर्ण है यह किताब

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खैरागढ़: (‘Kala-Vaibhav‘) इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग द्वारा शोध पत्रिका कला-वैभव का कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के कर कमलों से विमोचन किया गया।

इस अवसर पर कुलपति डॉ. चंद्राकर ने कला-वैभव के संपादक-मंडल और लेखकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। कुलसचिव प्रो. (डॉ.) नीता गहरवार, अधिष्ठाता प्रो.(डॉ.) काशीनाथ तिवारी की विशेष उपस्थिति में संपन्न इस विमोचन कार्यक्रम में पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. मंगलानंद झा ने कला-वैभव के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कुलपति पद्मश्री डॉ. चंद्राकर ने कहा कि किताबें पहले भी प्रकाशित होती रही है और आमतौर पर किताबें हमेशा अच्छी ही होती हैं, लेकिन इसमें कलात्मकता की भी झलक इसे विशिष्ट बना रही है, इसके लिए (‘Kala-Vaibhav’) कला वैभव से संबद्ध सभी विद्वानों को बधाइयां और शुभकामनाएं।

प्रधान संपादक डॉ. झा ने बताया कि यह पत्रिका नैक की केयर लिस्ट में सूचीबद्ध है। इसके लिए देश के विभिन्न प्रदेशों से प्राप्त शोध लेखों का परीक्षण किया जाता है। परीक्षण के बाद चयनित शोध आलेखों को इस महत्वपूर्ण पत्रिका में स्थान दिया जाता है l डॉ. झा ने कुलपति, कुलसचिव, संपादक मंडल, लेखकों समेत इस पत्रिका के प्रकाशन में सहयोगी सभी के प्रति आभार प्रकट किया है। विमोचन के अवसर पर चैन सिंह नागवंशी, मुकेश भट्ट समेत विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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