रायपुर: (INDIA Allaince) बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए एकजुट हुए विपक्षी दल, एक-एक कर बिखरते जा रहे हैं। कुछ बीजेपी की ही गोद में जाकर बैठ गए तो कुछ ‘एकला चलो रे’ की राह पर आगे बढ़ रहे है तो सवाल ये है कि जब कुछ महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं..क्या तब तक बचा हुआ विपक्ष एकजुट रह पाएगा l
INDIA Allaince आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मोदी सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया और इसके साथ ही ये अटकलें भी तेज हो गई कि जयंत चौधरी की RLD अब विपक्षी गठबंधन INDIA का साथ छोड़कर NDA में शामिल हो सकती हैं। जाट वोटर्स को अपने पाले में लाकर बीजेपी न सिर्फ पश्चिमी उत्तरप्रदेश की 27 सीटें बल्कि पंजाब और हरियाणा के जाट वोटर्स को प्रभावित कर सकती है l लेकिन जयंत चौधरी के किस मुंह से मना करूं वाले बयान के बाद अब उनके पुराने बयान भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं।
2024 में प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी दल जून के महीने में बिहार के पटना में एकजुट हुए थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आमंत्रण पर 28 विपक्षी दल के नेता एक साथ बैठे और एक साथ चुनाव लड़ने का प्लान बनाया, लेकिन जून 2023 से फरवरी 2024 तक यानी 8 महीने में इस विपक्षी गठबंधन के कई धागे खुलते जा रहे हैं। हर राज्य के चक्कर लगाकर विपक्षी दल के नेताओं को एकजुट करने वाले JDU के नीतीश कुमार अब खुद पाला बदलकर बीजेपी के साथ बिहार में सरकार चला रहे हैं। बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर विवाद के बाद ममता बनर्जी की TMC अलग चुनाव लड़ने जा रही है। इधर बंगाल में CPI(M) भी अलग चुनाव लड़ने के मूड में है l
इंडिया गठबंधन का हाल पश्चिम बंगाल सरीखा होता दिख रहा है। भाजपा और जयंत चौधरी की पार्टी RLD के बीच खिचड़ी पक रही है। गठबंधन के तहत सात लोकसभा सीटें मिलने के बावजूद सत्ता के समीकरण के लिए RLD पलटी मार सकता है। क्योंकि साल 2014 और साल 2019 में RJD एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।
हालांकि यूपी में अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की सूचना देकर यूपी में कांग्रेस को थोड़ी राहत दी है। बात करें दिल्ली और पंजाब की तो वहां आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है। महाराष्ट्र में उद्धव गुट के हाथों से शिवसेना और शरद पवार के हाथों से NCP जा चुकी है। जिसका नुकसान चुनाव में विपक्षी गठबंधन को हो सकता है।
यानी बंगाल की 42 सीट पश्चिम यूपी की 27 सीट, दिल्ली और पंजाब को मिलाकर 19 सीट और बिहार की 40 सीट यानी इन 128 सीटों पर विपक्ष का नुकसान तय माना जा रहा है। तो कुल मिलाकर जिस 24 की तैयारी के लिए 23 में 28 दल एकजुट हुए थे। उसकी एक-एक कड़ी धीरे धीरे बिखरती जा रही है l