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Farmer-Labourer Mahapanchayat : 14 मार्च को दिल्ली के किसान-मजदूर महापंचायत में छत्तीसगढ़ के किसान भी करेंगे शिरकत..छत्तीसगढ़ में भी होगी कार्यवाहियां

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रायपुर: (Farmer-Labourer Mahapanchayat) संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित किसान-मजदूर महापंचायत में छत्तीसगढ़ के किसान भी बड़े पैमाने पर भागीदारी करेंगे। इसी दिन प्रदेश के 50 से ज्यादा स्थानों पर मोदी सरकार की कृषि और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ, सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने, किसानों को कर्जमुक्त करने, हसदेव जंगल का विनाश रोकने, बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे राज्य प्रायोजित अत्याचार को रोकने, पेसा, मनरेगा और वनाधिकार कानून का प्रभावी क्रियान्वयन करने, भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को रोजगार और पुनर्वास देने और अन्य स्थानीय मांगों पर जन पंचायतों, धरनों व प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा। इसके पूर्व इन मांगों पर एक सघन अभियान चलाया जाएगा।

Farmer-Labourer Mahapanchayat छत्तीसगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा और छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से जुड़े घटक संगठनों की बैठक के बाद मोर्चा की समन्वय समिति ने उक्त निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि महापंचायत के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रदेश में घर-घर संपर्क अभियान चलाया जाएगा, पर्चे और पोस्टर वितरित किए जाएंगे। दिल्ली में आयोजित महापंचायत में बस्तर से लेकर सरगुजा तक के किसानों और आदिवासियों को लामबंद किया जाएगा। इसके साथ ही इस दिन प्रदेश के 50 स्थानों पर विरोध कार्यवाहियों का आयोजन किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की खीरी सीट से जघन्य लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता और मुख्य आरोपी के पिता अजय मिश्रा टेनी को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने की कड़ी निंदा की है और कहा है कि इससे साफ है कि यह पार्टी कॉर्पोरेट दबाव की गिरफ्त में है और अपनी जीत के लिए आपराधिक तत्वों पर निर्भर है, लेकिन देश के किसान इसका माकूल जवाब देंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने बेंगलुरु इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (बीआईएफएफ) के 15वें समारोह में केसरी हरवू द्वारा निर्देशित दिल्ली की सीमाओं पर वर्ष 2020-21 के ऐतिहासिक किसान संघर्ष पर बनी फिल्म ‘किसान सत्याग्रह’ पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध लगाने की भी कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह कदम भारत के संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाला अधिनायकवादी कृत्य है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदेश की आम जनता, किसान और अन्य जन संगठनों, ट्रेड यूनियनों तथा जन आंदोलनों से अपील की है कि देश एकता, संप्रभुता और अस्मिता को बचाने के लिए किए जा रहे इस देशव्यापी संघर्ष को अपना सक्रिय समर्थन दें। (संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय समिति की ओर से आलोक शुक्ला, संजय पराते, जनकलाल ठाकुर, सौरा यादव, नरोत्तम शर्मा, प्रवीण श्योकंद, सुदेश टीकम द्वारा जारी)

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