मध्यप्रदेश

Drivers Strike : कोर्ट के दरवाजें तक पहुंचा ड्राइवरों के हड़ताल के मामले में दायर हुई याचिका में आज ही सुनवाई

अधिकतर देखा गया है कि कोई भी ट्रक या डंपर चालक किसी भी व्यक्ति को कुचलकर भाग जाता था अगर पुलिस उसको पकड़ लेती थी तो थाने से ही जमानत हो जाती थी। इसके अलावा 2 साल कैद का भी प्रावधान था, लेकिन सरकार ने इस कानून को संशोधित कर दिया है

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जबलपुर: (Drivers Strike) केंद्र सरकार द्वारा लागू किये जा रहे हिट एन्ड रन कानून के विरोध में देशभर के परिवहन संघ और मालवाहकों के ड्राइवर सड़क पर उतर आएं हैं। आलम यह है कि देशभर में अफरातफरी का माहौल बन गया हैं।

वहीं इस पूरे Drivers Strike हड़ताल का मामला अब कोर्ट के दहलीज तक पहुँच गया है। हड़ताल को ख़त्म करने दो अलग-अलग याचिकाएं जबलपुर हाईकोर्ट में दायर की गई हैं। दोनों हुई याचिकाओं पर आज ही सुनवाई की जाएगी। पहली याचिका में हड़ताल से पेट्रोल डीजल आपूर्ति ठप्प होने का हवाला दिया गया है। वही दूसरी याचिका पीआईएल नागरिक उपभोक्ता मंच की तरफ से दायर किया गया है। इसमें हड़ताल को असंवैधानिक बताया गया है। दोनों की सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच की तरफ से की जाएगी।

अधिकतर देखा गया है कि कोई भी ट्रक या डंपर चालक किसी भी व्यक्ति को कुचलकर भाग जाता था अगर पुलिस उसको पकड़ लेती थी तो थाने से ही जमानत हो जाती थी। इसके अलावा 2 साल कैद का भी प्रावधान था, लेकिन सरकार ने इस कानून को संशोधित कर दिया है। हिट एंड रन मामले में अब वाहन चालक को 10 साल की सजा होगी। इसके अलावा 7 लाख रुपए का जुर्माना देना होगा। सरकार के इस फैसले के बाद पूरे देश के ट्रक और डंपर चालक परेशान है। इनका कहना है कि यह सरासर गलत है। सरकार को यह कानून वापस लेना होगा।

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