(Dhan Kharidi) कोरबा जिले के पौड़ी उपरोड़ा और मोरगा धान उपार्जन केंद्र के सामने कई प्रकार की समस्या बनी हुई है। 1 नवंबर से इन स्थानों पर किसने के द्वारा उत्पादित धान की खरीदी की गई। अरसा गुजरने पर भी धान का उठाव नही हुआ है। समिति प्रबंधक नर्मदा देवांगन ने घोषणा की है कि इस परिस्थिति में अगले सप्ताह से हम किसानों के द्वारा लाई जाने वाली धान की खरीदी बिल्कुल नहीं करेंगे।
Dhan Kharidi कोरबा जिले में प्रशासन के द्वारा धान खरीदी का काम पारदर्शिता से करने की कड़ी में रकबा सत्यापन कराया गया। इसके अंतर्गत इस बात का परीक्षण किया गया कि जिन किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीकरण पोर्टल में कराया है उनके द्वारा वास्तव में कितने क्षेत्रफल में धान की फसल बोई गई है और यहां से संभावित उत्पादन कितना हो सकता है। मौसम की अनुकूलता और कई प्रकार के उपाय अपनाने पर कोरबा जिले में इस वर्ष धान की फसल काफी अच्छी रही और किसान इससे खुश नजर आ रहे हैं।
फसल तैयार होने पर उसकी बिक्री भी आसपास की समितियां में की जा रही है। व्यवस्था के अनुसार खरीदी करने के साथ-साथ उपार्जित धान का उठाव भी कराया जाना है। मार्कफेड अत्यंत लचर व्यवस्था के कारण हर कहीं धान का उथाव तेजी से नहीं हो पा रहा है और इसके चलते उपार्जन केदो में धान का स्टॉक बढ़ता जा रहा है इससे समितियां परेशान है और वह आगे धान का टोकन काटने से लेकर खरीदी बंद करने की मानसिकता में है।
यह ऐसा कोई पहला मामला नहीं है जिसमें इस तरह की बातें की जा रही है। जिले में अधिकांश उपार्जन केदो में इसी प्रकार के हालात बने हुए हैं। जानकार सूत्रों ने दावा किया है कि मार्कफेड के अधिकारी मनमानी करते हुए कुछ खास राइस मिलर्स को ही काट रहे हैं जबकि बाकी मिलर्स प्रतीक्षारत है।
इसका नतीजा यह हो रहा है कि ऑर्डर प्राप्त करने वाला वर्ग अपनी सुविधा के अनुसार संबंधित केंद्र पहुंचकर धान का उठाव करने में रुचि ले रहा है इसके नतीजा दूर दराज की सोसाइटी में धान का स्टॉक लगातार बढ़ता जा रहा है। इस तरह की जानकारी लगातार सामने आ रही है फिर भी व्यवस्था को सुचारू बनाने और दोषियों के ऊपर कारवाई नहीं करना कई प्रकार के सवाल खड़े करता है।