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deputy ranger controversy : FIR शून्य नहीं होने पर आदिवासी समाज ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

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deputy ranger controversy: लोरमी. मुंगेली जिले के खुड़िया क्षेत्र में पदस्थ डिप्टी रेंजर विवाद थमने का नाम नही ले रहा है. अब इस मामले में सर्व आदिवासी समाज ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए मोर्चा खोल दिया है. दरअसल बीते महीने पहले भूतकछार सर्किल के जंगल के कक्ष क्रमांक 486 में करंट तार की चपेट में आने से हाथी की मौत हुई थी. इस मामले में 9 आरोपियों के खिलाफ डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज किया गया है. इनमें तीन आरोपियों को जेल भी दाखिल किया गया है.

बताया जा रहा है कि बीते 4 मई को ग्राम सरगढ़ी के विसंभर सिंह को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया था, जिसे कस्टडी में डिप्टी रेंजर पर मारपीट का गंभीर आरोप है. मारपीट से गिरफ्तार युवक के शरीर के पिछले हिस्से में चोट का गंभीर निशान दिखाई दे रहा है. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है

आदिवासी समाज के लोगों ने डेढ़ माह पर पहले विभाग के चौकीदार भादुराम कोलाम की शिकायत पर डिप्टी रेंजर के खिलाफ एट्रोसिटी के तहत एफआईआर दर्ज कराया था. उनके खिलाफ निलंबन सहित उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार शिकायत की गई, लेकिन उक्त शिकायत में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

इसके चलते दो दिनों पहले डिप्टी रेंजर से नाराज ग्रामीणों ने जंगल में डिप्टी रेंजर की जमकर पिटाई कर दी. इस घटना की सूचना पर डिप्टी रेंजर दुबे को पुलिस की मदद से 50 बिस्तर अस्पताल लाया गया, जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद एक दिन बाद उन्हें जेल दाखिल कर दिया गया. साथ ही डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे की शिकायत पर तीन ग्रामीणों के खिलाफ नामजद सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मारपीट करने और शासकीय कार्य में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया है.

7 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

डिप्टी रेंजर की शिकायत पर आदिवासी समाज के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद सर्व आदिवासी समाज भी एक्शन मूड में है. उन्होंने लोरमी थाना पहुंचकर एसडीओपी को ज्ञापन सौंपते हुए प्रबल दुबे द्वारा लिखवाए गए दुर्भावनावश रिपोर्ट को 7 दिन के भीतर शून्य करने की मांग की है. वहीं घटना को लेकर सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रांतीय अध्यक्ष सुभाष सिंह परते के नेतृत्व में एसडीओपी माधुरी धिरही को ज्ञापन सौंपते हुए 7 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई.

डिफ्टी रेंजर के खिलाफ पहले कार्रवाई होने से नहीं होती घटना

सर्व आदिवासी समाज का आरोप है कि भादुराम कोलाम की शिकायत पर अजाक थाना मुंगेली में एक महीने पहले एट्रोसिटी के तहत अपराध दर्ज किया गया था, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. इसे लेकर खुड़िया वन क्षेत्र में डीएफओ संजय यादव के दौरे की सूचना पर आदिवासी समाज के लोगों ने फरार आरोपी डिप्टी रेंजर के निलंबन की मांग के लिए मुलाकात करने गए थे, जहां प्रबल दुबे ने आदिवासी समाज को अश्लील गाली गलौज किया. इससे माहौल खराब हो गया. मौके पर डिप्टी रेंजर के साथ किसी प्रकार से मारपीट नहीं हुई है. वह झूठी रिपोर्ट करते हुए आदिवासी समाज को फसाने का प्रयास कर रहे हैं. उनके द्वारा कराए रिपोर्ट को 7 दिनों के भीतर शून्य नहीं होने पर सर्व आदिवासी समाज उग्र आंदोलन करेगा.

इस मामले को लेकर एसडीओपी माधुरी धिरही ने बताया कि डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे ने बीते दिनों विसंभर गोड़ के साथ गाली गलौज कर जमकर मारपीट की थी. इसकी शिकायत पर उनके खिलाफ एट्रोसिटी के तहत अपराध दर्ज किया गया है, जिन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है. इस दौरान डिप्टी रेंजर के साथ भी 10 मई को मौके पर आदिवासी समाज के लोगों ने जंगल क्षेत्र में मारपीट की. इसकी शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ नामजद सहित अन्य साथियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने और मारपीट की धारा 186, 553 के तहत अपराध दर्ज करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है

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