आलाकमान के Ayodhya नहीं जाने पर नाराज कांग्रेस नेता का बयान,‘जो नुकसान होना था हो चुका, अब चुनाव में नजर आएगा’
भोपाल: Ayodhya कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण ठुकराएँ जाने को लेकर खुद कांग्रेस के भीतर बवाल मचा हुआ हैं। कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद द्वारा इस फैसले पर निराशा जताये जाने के बाद आप मध्यप्रदेश के नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ ही बयान देकर इस विवाद को और गहरा कर दिया हैं l
Ayodhya लक्ष्मण सिंह ने पूछा कि जब खुद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था तो आप कौन होते हैं इस निमंत्रण को ठुकराने वाले? बकौल लक्ष्मण सिंह अब बयान बदलने या फैसले बदलने से कुछ नहीं होने वाला हैं। जो नुकसान होना था हो चुका हैं, इसका असर अब लोकसभा चुनाव के नतीजों में देखने को मिलेगा। सुने लक्ष्मण सिंह को
वही इससे पहले लक्ष्मण सिंह के बड़े भाई और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर धर्म को पल्लवित करते हुए पोस्ट साझा किया हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा है ”मैं हिंदू हूं, मैं धार्मिक हूं ये मेरा नितांत निजी विषय है। अपने धर्म को मानने का तरीका किसी की परेशानी का सबब नही बनना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम् की भावना ही हमारे देश की असली पहचान है।” इसके साथ ही उन्होंने कहा ये देश सबका है, नफरत छोड़ो भारत जोड़ो।
लक्ष्मण सिंह की तरह कांग्रेस के दिग्गज नेता आचार्य प्रमोद ने भी पार्टी आलाकमान के इस फैसले पर असहमति जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि श्रीराम मंदिर उद्घाटन के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है, आज दिल टूट गया।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कांग्रेस द्वारा राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं…कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है, कांग्रेस राम विरोधी नहीं है। यह कुछ लोग हैं जिन्होंंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है…इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है…निमंत्रण को स्वीकार ना करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है l
इसी तरह गुजरात के विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया भी हाईकमान के इस फैसले से हैरान नजर आएं। उन्होंने भी अपने एक्स पर लिखा कि भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था l कांग्रेस की लाइन से हटकर एक और नेता कि राम मंदिर पर प्रतिक्रिया सामने आई हैं।
दरअसल हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला हैं जिसे उन्होंने अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया हैं। इस मौके पर विक्रमादित्य ने वीएचपी और आरएसएस को भी धन्यवाद दिया हैं। उनकी यह प्रतिक्रिया पार्टी आलाकमान के उस फैसले के बाद आई हैं जिसमे उन्होंने आमंत्रण को अस्वीकार करते हुए 22 जनवरी के सामारोह में शामिल होने से साफ़ इंकार कर दिया हैं l