11 महीने पहले शुरू हो गई थी एमपी के सीएम की रेस, Mohan Yadav शुरू से रहे पहली पसंद
11 महीने पहले ही लिख गई थी मोहन यादव को मध्य प्रदेश का सीएम बनाने की स्क्रिप्ट, मोहन का सीएम बनना पहले से था तय
भोपाल: (Mohan Yadav) मध्य प्रदेश में नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो चुका है। बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश में हैरान करने वाला फैसला सुनाकर सबको चौंका दिया है। जैसे ही उनके नाम की घोषणा हुई तो सब हैरत में पड़ गए। चार बार के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान सहित प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीडी शर्मा जैसे बड़े नामों को पीछे छोड़ते हुए अब मोहन यादव सूबे के मुखिया बन चुके हैं।
लेकिन बीजेपी का ये फैसला अभी का नहीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश के सीएम की रेस पिछले 11 महीने से चल रही है और इस रेस में शुरू से ही (Mohan Yadav) मोहन यादव आगे चल रहे है। बता दें मध्य प्रदेश में 11 महीने पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बदलने को लेकर चर्चाओं का जोर गर्म हुआ था इसी समय से मोहन यादव का नाम पहले नंबर पर था।
विधानसभा चुनाव में 3 केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसद और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इतरने के बाद नए गिद्दजो नामों के वजन के तले मोहन यादव (Mohan Yadav) का नाम दब गया था। जिसके बाद सभी की निगाहें इन दिग्गज दावेदारों पर ही टिकी हुई थी। एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में आदिवासी चेहरे विष्णुदेव को सीएम बनाया गया जिसके बाद मध्य प्रदेश में ओबीसी मुख्यमंत्री बनना तय था। लेकिन मोहन यादव का नाम फिर भी प्रकाश में नहीं था। अलावा इसके बीते दिन हुई विधायक दल की बैठक में भी मोहन यादव देरी से पहुंचे थे।
फोटो सेशन में आखिरी पंक्ति में बैछे मोहन यादव को खुद इस बात का अंदाजा नहीं था कि कुछ देर बाद उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है। हालांकि (Mohan Yadav)मोहन यादव के नाम पर सहमती तो 6 दिसंबर को ही हो गई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 6 दिसंबर को दिल्ली में मोहन यादव से 15 मिनट बातचीत का दौर चला था। जिसके बाद पार्टी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी थी। पार्टी का ये निर्णय कई नजरिए से 2024 के चुनाव के लिए मुफीद। ऐसा माना जा रहा है कि एमपी में यादव सीएम देने के फैसले ने कई हद तक बिहार और उत्तर प्रदेश के वोटर्स को साधा है।