दिग्गजों को नजरअंदाज कर BJP ने Mohan Yadav को क्यों बनाया मुख्यमंत्री?
जातिगत गणित के साथ-साथ मोदी-शाह ने साधे कई समीकरण
भोपाल: (Mohan Yadav) छत्तीसगढ़ के बाद मध्यप्रदेश में भी सीएम का चेहरा आखिरकार रिवील कर दिया गया है। बीजेपी से लगातार 3 बार के विधायक मोहन यादव को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया है, तो आइये जानते हैं मोदी-शाह ने मोहन यादव पर क्यों इतना बड़ा दांव खेला है, जबकि मध्यप्रदेश में सीएम के रेस में केंद्रीय मंत्री से लकर कई दिग्गजों का नाम शामिल था।
1. हिंदुत्व: बाबा महाकाल की नगरी से आने वाले मोहन यादव हिंदुत्व के बड़े चेहरे हैं। महाकाल की नगरी से सीएम बनाकर केंद्रीय संगठन ने बड़ा मेसेज दिया है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व भी बड़ा मुद्दा रहेगा
2. संघ के करीबी: मोहन यादव आरएसएस के बेहद करीबी हैं। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। ABVP, BJYM में भी प्रमुख पदों पर रहे हैं। जमीनी कार्यकर्ता होने का भी उन्हें फायदा मिला।
3. OBC वर्ग में पैठ: मोहन यादव को सीएम बनाए जाने के पीछे OBC वर्ग को साधना भी बड़ी वजह है। यादव समाज से आते हैं, MP में 52 फीसदी आबादी ओबीसी की है। यादव OBC वर्ग की सबसे बड़ी जाति है और जैसा कि iBC24 ने आपको हर बार बताया है कि सीएम वही जो 24 का सिंहासन दिलाए। ऐसे में उत्तर प्रदेश और बिहार में लोकसभा चुनाव में यादव समेत तमाम OBC वर्ग को साधने के लिए मोहन यादव को बतौर स्टार प्रचारक भी उतारा जा सकता है।
4. वर्गों और संभागों को साधने की कवायद: केंद्रीय नेतृत्व ने जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण को भी काफी हद तक साधने की कोशिश की है। ग्वालियर चंबल संभाग से सामान्य वर्ग के नरेंद्र सिंह तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा का स्पीकर बनाया गया और विंध्य से राजेंद्र शुक्ल को डिप्टी सीएम बनाया गया वहीं मालवा संभाग से आने वाले SC वर्ग के जगदीश देवड़ा को भी डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई है।