भिलाई : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में धान का रिसाइकलिंग का खेल जोरों से चल रहा है, राइस मिलर धान का डी ओ काटकर धान का उठाव ना करके उसी जिले के राइस मिलर्स को या धान कोचियों को धान का डीओ बेच देते हैं और समिति से अपने मिल की दूरी तक का परिवहन भाड़ा अनुचित तरीके से उठा लेते हैं और वहीं धान घूम फिर कर फिर से सोसाइटी में वापस आ रहा है।
इस प्रक्रिया से सरकार को दोहरा नुकसान हो रहा है, यह खेल पिछले दो वर्षों से कांग्रेस की सरकार के समय से चल रहा है, पूर्व में भाजपा की सरकार के द्वारा राइस मिलों को मिलिंग चार्ज के रूप में ₹40 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाता था लेकिन कांग्रेस सरकार ने उसको बढाकर ₹120 प्रति क्विंटल कर मिलर्स को उपकृत कर दिया था तथा उनकाे धान की हेरा फेरी के लिए खुली छूट दे दी थी।
सरकार को चाहिए कि जिन मिलर्स को धान उठाव करने के लिए डीओ जारी किया गया है उन मिलों ने कितना धान का उठाव समिति से किया और उसके एवज में कितना चावल सरकार के पास जमा किया और कितना धान उनके मिल में डंप पड़ा है उस स्टाक का भौतिक परीक्षण करने से पता चलेगा कि उन्होंने कितना धान उठाया और कितना चावल जमा किया।
धीरेंद्र प्रताप सिंह ने इस प्रकरण की जांच भारत सरकार के किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने की मांग की।