बिहारराजनीति
Trending

Amit Shah ने बिहार के नीतीश कुमार के लिए प्रस्ताव पर विचार की इच्छा जाहीर की

विज्ञापन

बिहार: (Amit Shah) कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी एलायंस की हवा निकालने के लिए भारतीय जनता पार्टी एक तरफ विपक्षी दलों में बड़ी सेंधमारी की तैयारी कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बिहार जैसे 40 लोकसभा सीटों वाले राज्य में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार भी कर रही है l जिन अमित शाह ने बिहार में जाकर एलान किया था कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो चुके हैं, दरवाजे तो क्या खिड़कियाँ भी बंद हो चुकी हैं l उन्हीं अमित शाह ने यह कह कर नीतीश कुमार के लिए खिड़की खोल दी है कि अगर कोई प्रस्ताव आएगा, तो विचार किया जाएगा l

Amit Shah अमित शाह ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा है, जिसका बिहार में प्रभाव बहुत कम है, लेकिन राजस्थान और मध्यप्रदेश में ज्यादा प्रभाव है l यह वही अमित शाह हैं जिन्होंने कुछ महीने पहले कह दिया था कि लालू और नीतीश का गठबंधन तेल और पानी का गठबंधन है, जो कभी घुलमिल नहीं सकता l नीतीश कुमार के लिए यह एक चेतावनी थी कि उनके साथ क्या होने वाला है l

अमित शाह की बात बिलकुल सही निकली l लालू यादव जेडीयू के आठ दस विधायक तोड़कर तख्तापलट की तैयारी कर रहे थे l बिहार विधानसभा के मानसून सत्र से पहले हुई विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्हें सब मालूम है कि कौन विधायक किसके संपर्क में है और कौन सांसद किसके संपर्क में है l जब उन्हें आशंका हुई कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ही भाजपा विरोध के चलते लालू यादव के साथ मिल सकते हैं, तो ललन सिंह को अध्यक्ष पद से हटा कर खुद अध्यक्ष बन गए l

जो लालू यादव 2022 में नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनवा रहे थे, 2023 में विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनवा रहे थे, वही लालू यादव पर्दे के पीछे से उनका तख्ता पलटने और इंडी एलायंस का संयोजक बनने के रास्ते में सबसे बड़ी रुकावट बने हुए थे l नीतीश कुमार ऐसा समझते हैं कि लालू यादव ने ही उनके खिलाफ ममता बनर्जी के कान भरे होंगे l ममता बनर्जी संयोजक पद के लिए उनके रास्ता का रोड़ा बन गई थी l 13 जनवरी को इंडी एलायंस की मीटिंग में दो प्रस्ताव पास होने थे, एक प्रस्ताव मल्लिकार्जुन खरगे को एलायंस का चेयरमेन बनाने का था, और दूसरा प्रस्ताव नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का था l

राहुल गांधी ने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा और सीताराम येचुरी ने समर्थन किया l लेकिन नीतीश कुमार ने इस प्रस्ताव को खारिज करते हुए दो बातें कहीं थीं l पहली तो यह कि उनके नाम पर सर्व सम्मति नहीं है, और दूसरी बात उन्होंने कही कि लालू यादव को ही संयोजक बना दीजिए l दोनों ही बातों के पीछे उनकी आशंका यह थी कि लालू यादव और ममता बनर्जी में उनके खिलाफ खिचड़ी पकी है l

ममता बनर्जी नाराज होकर बैठक में शामिल नहीं हुई थी, क्योंकि उन्होंने नीतीश कुमार के नाम पर एतराज किया था l ममता बनर्जी का तर्क यह बताया जा रहा है कि बिहार की राजनीति में चल रही कशमकश के चलते नीतीश कुमार कभी भी पलटी मार सकते हैं l जबसे घोर भाजपा विरोधी ललन सिंह को जेडीयू के अध्यक्ष पद से हटाया गया है, तबसे नीतीश कुमार के कभी भी पलटी मारने की खबरें बिहार की हवा में हिचकोले खा रही हैं l

ऊपर से अमित शाह का बयान आ गया कि नीतीश कुमार के साथ आने का प्रस्ताव आएगा, तो उस पर विचार किया जाएगा l अमित शाह ने पानी में कंकड़ फैंक दिया है l भाजपा के चाणक्य समझे जाने वाले अमित शाह ने खिड़की खोली है, तो क्यों खोली है l वह इसलिए क्योंकि बिहार में अपनी मौजूदा स्थिति को बनाए रखना भाजपा के लिए बहुत जरूरी है l

जेडीयू के साथ बिहार में पिछली बार एनडीए 40 में से 39 सीटें जीता था l नीतीश कुमार के बिना 2014 में भाजपा ने 31 सीटें लड़कर 29.40 प्रतिशत वोट और 22 सीटें जीती थी, लेकिन उस समय बिहार में तिकोना मुकाबला हुआ था, जिसमें नीतीश कुमार की जेडीयू सिर्फ 2 सीटें जीत पाई थी l

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button