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सेंसर बोर्ड पर बरसे “Political War” के मेकर मुकेश मोदी

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अनिल बेदाग, मुंबई : बॉलीवुड की अपकमिंग फ़िल्म “पॉलिटिकल वॉर” (Political War) के फिल्ममेकर मुकेश मोदी सेंसर बोर्ड से काफी नाराज़ हैं। सेंसर सर्टिफिकेट न मिलने की वजह से यह फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं हो पा रही है। फ़िल्म को सेंसर करवाने के लिए वह पिछले तीन महीने से भारत में हैं मगर अंततः उन्हें सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया गया। सीमा बिस्वास, रितुपर्णा सेनगुप्ता, मिलिंद गुणाजी, प्रशांत नारायण, अभय भार्गव, शिशिर शर्मा, अमन वर्मा, जितेन मुखी, पृथ्वी जुत्शी, देव शर्मा, अरुण बख्शी जैसे कलाकारों के अभिनय से सजी फ़िल्म पॉलिटिकल वॉर के मेकर मुकेश मोदी का कहना है कि इस फ़िल्म को हमने सेंसर के लिए 22 अगस्त को सबमिट किया था, उस समय इसका टाइटल अलग था “2024 इलेक्शन वॉर”, लेकिन इस टाइटल को उकसाने वाला कहा गया, जबकि इम्पा ने हमें यह टाइटल रजिस्टर्ड कर के दिया था।

उसके बाद हमने फ़िल्म का नाम पॉलिटिकल वॉर (Political War) रखा। जब फ़िल्म का प्रीव्यू रखा गया तो उसे बिना किसी शो कॉज़ नोटिस के रिवाइज़्ड कमेटी में भेज दिया गया। तीन महीने बाद रिवाइज़्ड कमेटी ने फ़िल्म देखी और 22 दिसम्बर को कमेटी ने फ़िल्म रिजेक्ट कर दी। उसमें जो वजह बताई गई वह यह थी कि फ़िल्म के कलाकारों का चेहरा भारतीय राजनेताओं से मिलता जुलता है। सेंसर सर्टिफिकेट न मिलने की वजह से मेरी फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हो सकेगी। हालांकि वे एनिमल और सालार जैसी हिंसा से भरपूर फ़िल्म को सर्टिफिकेट दे रहे हैं, जिनमें महिलाओँ पर काफी अत्याचार दिखाया गया है, मगर वे एक अच्छे मैसेज वाली फिल्म को दर्शकों तक पहुंचने से रोक रहे हैं।”

मुकेश मोदी ने आगे कहा कि मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करूंगा कि सेंसर बोर्ड के अधिकारियों के पास हम जैसे निर्माताओं के लिए समय नहीं है, न वे ईमेल का, फोन का या मैसेज का जवाब देते हैं। यहां के सेंसर बोर्ड का सिस्टम ठीक नहीं है, वे निर्माताओं का काफी समय बर्बाद करते हैं। मोदी जी से अपील है कि सेंसर बोर्ड में अच्छे लोगों को पद दें। मेरा सेंसर के चक्कर मे काफी नुकसान हुआ है। मैं तीन महीने से भारत में हूँ, सेंसर की वजह से मेरी फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं होगी।

मुकेश मोदी कहते हैं कि हमारी फ़िल्म युवाओं को प्रेरित करने वाली फिल्म है, इसपर सरकार को अच्छी तरह ध्यान देना चाहिए। फ़िल्म का कंटेंट बहुत अच्छा है इसमें हमने यह दिखाया है कि कुछ भ्रष्ट नेताओं की मदद से बाहरी ताकत कैसे भारत को तोड़ने की कोशिश कर रही है। भारत अभी विश्वगुरु बनने जा रहा है ऐसे में भारतीय जनता को यह बताना जरूरी है कि कैसे कुछ ताकतें हमें तोड़ने का प्रयास कर रही हैं। हम यह सन्देश दे रहे हैं कि लोग वोट दें और अच्छे लोगों को चुनें। फ़िल्म कई चुभते हुए सवाल भी उठाती है।

मुकेश मोदी ने बताया कि फ़िल्म की कहानी काल्पनिक है लेकिन सेंसर वालों का कहना है कि किरदारों के लुक बड़े नेताओं से मिल रहे हैं उनमें से एक नाम अमित शाह का बताया गया। सीमा बिस्वास पश्चिम बंगाल की नेता की भूमिका में हैं। प्रशांत नारायण एक हिन्दू लीडर के रोल में हैं।

मुकेश मोदी ने तो यहां तक कह दिया कि सेंसर बोर्ड को खत्म कर देना चाहिए, हॉलीवुड में सेंसर बोर्ड है ही नहीं।फ़िल्म 16 फरवरी को ओवरसीज में सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी और उसके बाद ओटीटी पे रिलीज़ होगी। इस फिल्म को इंडि फ़िल्म्स वर्ल्ड के बैनर में बनाया गया है जिसकी शूटिंग मुंबई,बनारस ,लखनऊ और अमेरिका में हुई है।

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