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‘Gaganyaan‘ के 4 वैज्ञानिक 40 साल बाद करेंगे अंतरिक्ष की यात्रा.. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की मुलाकात

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तिरुवनंतपुरम : (Gaganyaan) भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए आज का दिन काफी अहम रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पीएसएलवी एकीकरण सुविधा सहित अंतरिक्ष बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, महेंद्रगिरि में इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में नई सेमी-क्रायोजेनिक्स एकीकृत इंजन और स्टेज परीक्षण सुविधा और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में ट्राइसोनिक पवन सुरंग का उद्घाटन किया।

जलसमाधि – 93

Gaganyaan प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हर राष्ट्र की विकास यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जो वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी परिभाषित करते हैं। आज भारत के लिए यह ऐसा ही क्षण है, हमारी आज की पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली है जिसे जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कार्यों का यश मिल रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “पिछले वर्ष भारत वह पहला देश बना जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर तिरंगा फहराया। आज शिव-शक्ति पॉइंट पूरी दुनिया को भारत के सामर्थ्य से परिचित करा रहा है।” उन्होंने गगनयान मिशन के तैयारियों की समीक्षा की और उन चार वैज्ञानिकों से भी भेंट की जिनका नाम अन्तरिक्ष यात्री के तौर पर नामित किया गया है।

उन्होंने इस दौरान इसरो के सम्बोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कही। “कुछ देर पहले देश पहली बार 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ 4 नाम या 4 इंसान नहीं हैं, ये वो चार शक्तियां हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाने वाली हैं। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है लेकिन इस बार वक्त भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।” उन्होंने कहा “2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा जो हमें स्पेस के अज्ञात विस्तार को जानने में मदद करेगा। इसी अमृतकाल में भारत का अंतरिक्ष यात्री भारत के अपने रॉकेट से चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।”

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