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New York Ram Mandir : अमेरिका में राम मंदिर की झांकी को लेकर विवाद, एकजुट हो गए मुस्लिम संगठन

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New York Ram Mandir : । अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों ने देश की स्वतंत्रता के सम्मान में 42वें इंडिया डे परेड में अपनी मातृभूमि की सांस्कृतिक समृद्धि और धार्मिक विविधता का हर्षोल्लास से जश्न मनाया। रविवार को हुई परेड में अयोध्या राम मंदिर की एक झांकी शामिल की गई। इसके साथ ही इस परेड में मुस्लिम, ईसाई और सिखों की झांकियां भी शामिल थी, जबकि भारतीय यहूदी और बौद्ध समूह के लोग भी इसमें शामिल हुए। महिलाओं और पुरुषों ने महाराष्ट्र के पारंपरिक ढोल बजाते हुए राम मंदिर की झांकी का स्वागत किया।

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हजारों लोगों ने इस परेड में भाग लिया। लेकिन एक मुस्लिम संगठन के नेतृत्व वाले एक समूह ने इस परेड को बाधित करने का प्रयास किया, जिसे असफल कर दिया गया। भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल ने अन्य समूहों के साथ मिलकर एक अभियान चलाया, जिसमें कहा गया कि वे राम मंदिर के चित्र के खिलाफ सिखों, ईसाइयों और हिंदुओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने इसे मुस्लिम घृणा वाली कट्टर कार्रवाई बताया और सार्वजनिक अधिकारियों से इस पर प्रतिबंध लगाने की अपील की

संन्यासियों के सबसे पुराने और सबसे बड़े संगठन जूना अखाड़ा के प्रमुख स्वामी अद्वैतानंद गिरि इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और अभिनेता जहीर इकबाल भी इस परेड का हिस्सा रहे। न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने परेड में मार्च करने के लिए अधिकारियों और उनके बैंड की एक टुकड़ी भेजी। पुलिस विभाग ने अपने स्वयं के बैनर के साथ मार्च किया। भारतीय तिरंगा थामे एक समूह के दोनों ओर दो घुड़सवार पुलिस बल थे। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे हमले को लेकर भी एक झांकी रखी गई। जिसकी थीम थी “बांग्लादेश में हिंदू नरसंहार को रोकें।” राम मंदिर की झांकी के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में बांग्लादेशी अमेरिकी सिटी काउंसिल की सदस्य शाहना हनीफ भी शामिल थीं।

इजरायली झंडा लिए एक व्यक्ति झांकी के नरसंहार विरोधी बैनर को थामे समूह में शामिल हो गया। परेड मार्ग के कई स्थानों पर यहूदी और इजरायलियों ने राम मंदिर की झांकी का समर्थन किया। भारत के यहूदियों का प्रतिनिधित्व करने वाला इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बेने इजरायल मार्च करने वालों के समूहों में से एक था। इसमें गुरु तेग बहादुर को समर्पित एक झांकी थी। एक अन्‍य झांकी में भारत के संविधान निर्माता बी.आर. अंबेडकर को दिखाया गया। लोगों ने जातिवाद को खत्म करने वाले उनके विचारों के पर्चे बांटे

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